Pankaj Kurre@News Dastak पामगढ़– पामगढ़ अधिवक्ता संघ ने डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ( भारत) के बैनर तले उसके समर्थन में आज राष्ट्रपति के नाम से पामगढ़ तहसीलदार विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
संघ ने बताया कि भारत की संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत न्याय व्यवस्था अतिआवश्यक एवं अति महत्वपूर्ण अंग है। अधिवक्ता समाज न्याय व्यवस्था का सजग प्रहरी ही नहीं बल्कि अभिन्न अंग भी है। अधिवक्ता समाज को दरकिनार करके या उनकी समस्याओं को अनसुना करके न्यायपालिका को स्वतंत्र निष्पक्ष एवं शक्तिशाली बनाया जाना असम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है, और देशवासियों को न्याय से वंचित करना है, इसलिए अधिवक्ताओं की निम्न समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाना अतिआवश्यक ही नहीं बल्कि न्यायहित में भी है। डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ( भारत) की संघ की विभिन्न मांगों में, सरकारी विभागों के सभी स्तर के अधिवक्ता पैनल में एस.सी. / एस.टी. /ओ.बी.सी. /माइनोरिटी को जनसंख्या के अनुपातानुसार प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करें। उच्च एवं उच्चतम न्यायपालिका में एस.सी./एस.टी. ओ.बी.सी. / माइनोरिटी को जनसंख्या अनुपातानुसार प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करें। 65 वर्ष की आयु एवं 35 वर्ष की वकालत पूरी करने के बाद अधिवक्ताओं को पेंशन की व्यवस्था ,5 वर्ष तक की शुरूआती वकालत तथा 30 वर्ष की आयु तक नये अधिवक्ता साथियों को मासिक 5000 ₹ का मानदेय लागू करें ,न्यायालय परिसर में टीन के नीचे बैठने से अधिवक्ताओं की ही नही न्यायालय की गरिमा भी आहत होती है इसलिए सभी अधिवक्ताओं के लिए चैंबर की व्यवस्था करें , और सभी अधिवक्ताओं को 5 लाख रूपये तक का चिकित्सा बीमा की सुविधा लागू करें , तथा अधिवक्ताओं की सुरक्षा हेतु अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करें।इस अवसर पर सभी पामगढ़ अधिवक्ता संघ के अधिवक्तागण उपस्थित रहे।