ना गांव में मुनादी हुई,ना ग्राम पंचायत कार्यालय में इश्तहार चस्पा हुआ, किस अखबार में छपा यह भी स्पष्ट नहीं
ग्राम पंचायत के सचिव इश्तहार और नीलामी की आबंटन सूची की जानकारी 15 दिनों में भी उपलब्ध नहीं करा पाए,जबकि अब दुकानें भी खुलने लगे
Team News Dastak@पामगढ़– तहसील कार्यालय परिसर पामगढ़ में डीएमएफ मद से 10 दुकानो के लिए 20 लाख रुपए,अनुसूचित जाति विकास मद से 5 और ग्राम पंचायत निधि से 6 दुकानों सहित 21 दुकानों के ग्राउंड फ्लोर में बनाने का स्वीकृति आदेश के बाद ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर में बिना स्वीकृति के 39 दुकान बना दी गई है। इसका मूल्यांकन करने के लिए आरईएस के एसडीओ ने इंकार कर दिया था।
अब जैसे भी स्थिति में हो सभी 39 दुकानें बनकर तैयार हो गई है,गुपचुप तरीके से नीलामी प्रक्रिया भी हो चुकी है।नीलामी भी पहले आओ पहले पाओ के तर्ज से कराने पर शासन को लगभग 3 करोड़ रुपये की क्षति पहुचने का अनुमान है।जिस जगह पर दुकानों को बनाया गया है वह पामगढ़ का व्यस्ततम और प्रमुख स्थान है। यहीं पर जनपद पंचायत, व्यवहार न्यायालय, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, पोस्ट ऑफिस ,कोऑपरेटिव बैंक और कई कार्यालय हैं जिनसे कार्यालयीन दिवसों में वहां पर भीड़ एवं जाम की स्थिति बनी रहती है। उसी जगह पर 21 दुकानें जिनका दरवाजा मुख्य मार्ग की तरफ हैं उस एक दुकान का बाजार मूल्य 12-15 लाख रुपये है।और जिन 18 दुकानों का दरवाजा तहसील परिसर की ओर है,उसका प्रत्येक दुकान का बाजार मूल्य 5 लाख रुपये के आसपास है। इन सभी दुकानों की नीलामी पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर की जा चुकी है,तो पंचायत को सिर्फ 25 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है, और अगर इसी नीलामी प्रक्रिया को बदलकर खुली बोली लगवाकर कराया गया होता तो 3.50 करोड़ रुपए के आसपास पंचायत के खाते राशी आती। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर नीलामी कराने से पंचायत को तीन करोड़ रुपए की क्षति हुई है। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त मामले की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पामगढ़ के पास की गई है उक्त शिकायत में भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
क्या है नीलामी की प्रक्रिया जिसे ग्राम पंचायत द्वारा दरकिनार कर किया बड़ा घोटाला
निर्माण कार्य के पूरा होते ही ग्राम पंचायत द्वारा पूर्णता और उपयोगिता प्रमाण पत्र जनपद कार्यालय से लिया जाता है
फिर ग्राम पंचायत द्वारा इश्तिहार जारी किया जाता है,ग्राम पंचायत कार्यालय में चस्पा किया जाता है, प्रमुख अखबारों में भी छपवाया जाता है और ग्राम पंचायत में मुनादी भी कराई जाती है ताकि बेरोजगार युवकों को नीलामी की सूचना मिल सके।
जिसके बाद 1 सप्ताह या 2 सप्ताह का समय दिया जाता है जिसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर निर्धारित राशि का बैंक ड्राफ्ट, चेक या नगद जमा कर अपना अपना कमरा बुक कराया जाता है
उसके बाद आवंटन सूची जारी की जाती है।
आवंटन सूची जारी होने के पश्चात विधिवत रजिस्ट्रार ऑफिस में शासन द्वारा निर्धारित मूल्य के स्टाम्प पेपर पर किरायानामा कराया जाता है।
ग्राम पंचायत पामगढ़ को नगर पंचायत बनाने के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है,उसके बाद कार्यालय कलेक्टर द्वारा नगर पंचायत गठन के लिए दावा आपत्ति मंगाया गया था, निर्धारित समय में नगर पंचायत गठन को लेकर किसी भी प्रकार की दावा आपत्ती नहीं की गई है,जिससे पामगढ़ को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनाने का रास्ता साफ हो गया है। 26 जुलाई को ग्राम पंचायत पामगढ़ को नगर पंचायत गठन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित भी कर दी गई है, आचार संहिता के पहले पामगढ़ का नगर पंचायत बनना लगभग तय है,ऐसे में नगर पंचायत गठन के समय ही 3 करोड रुपए की बड़ी राशि नगर पंचायत के पास होती तो वह नगर पंचायत आर्थिक रूप से समृद्ध होता।पामगढ़ की लगभग सभी गलियां जर्जर है इस राशि से सभी गलियों में सीसी रोड बन सकता था।जिले के नगर पंचायतों और पालिकाओं की आर्थिक दशा खराब है,अभी हाल ही में अकलतरा नगर पालिका के सीएमओ ने पेयजल के लिए बोर खनन की राशि नही होने की बात कही थी।
ग्राम के सरपंच तेरसराम यादव ने पखवाड़े भर पहले कहा था कि इश्तहार जारी हो गया है,इश्तहार कब जारी हुआ,किस अख़बार छपा है,यह मेरे जानकारी में नहीं है,मैं उपलब्ध भी नही करा पाऊंगा,इसके बारे में ग्राम पंचायत के सचिव बता पाएंगे अभी वह 2 दिनों के लिए बाहर गए हुए हैं।
ग्राम पंचायत के सचिव लखेश्वर यादव का कहना है कि सारे दस्तावेज अभी जनपद पंचायत और जिला पंचायत में जमा है जैसे ही दस्तावेज ग्राम पंचायत को मिलेंगे शिकायतकर्ता को उपलब्ध करा देंगे,जबकि ग्राम पंचायत के सभी दस्तावेज ग्राम पंचायत के पास ही होते हैं सचिव द्वारा जानकारी ना देना समझ से परे है।